टीचर्स के हाजिरी रजिस्टर पर फर्जी हाजिरी या बच्चों के फर्जी दाखिले दिखाकर किताबें, यूनिफॉर्म, स्कॉलरशिप लेने का धंधा यहां खुलेआम चलता दिखा। सारे तथ्य विभागीय जांच के बाद सामने आएंगे।
सबसे हैरानी और दुख देने वाली बात ये थी कि छठीं क्लास की हाजिरी रजिस्टर में सिर्फ 12 बच्चों के नाम थे। इनमें से भी 10 बच्चे पिछले पूरे साल स्कूल नहीं आए। इन बच्चों का दाखिला फॉर्म निकलवाकर जब पैरेंट्स से बात की तो पता चला कि एक बच्चा पिछले 4 साल से प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा है। एक और बच्चे के पिता ने बताया कि इस स्कूल में दाखिले के लिए फॉर्म तो भरा था लेकिन स्कूल ने दाखिला देने से मना कर दिया था। स्कूल के कागजों के मुताबिक ये सारे बच्चे इसी स्कूल के छठवीं क्लास में पढ़ते हैं। आश्चर्यजनक बात ये भी थी कि जिन पैरेंट्स से बात हुई उन सबके बच्चे पास के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं। सारे मामले की सघन जांच की जरूरत है। मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।