Thursday, November 17, 2016

स्कूल-कॉलेज धर्म या जाति का अखाड़ा नहीं

मैं दिल्ली का शिक्षा मंत्री होते हुए भी शिक्षा पर हो रहे इस प्रोटेस्ट में शामिल हूं तो इसलिए, क्योंकि मुझे भी शिक्षा की चिंता है। मुझे इस बात की चिंता है कि शिक्षा का मतलब सिर्फ स्कूल खोलना, मिड-डे मील बांटना, यूनिफॉर्म-किताब बांटना या कमरे बनवाना नहीं है। शिक्षा का मतलब सिर्फ टीचर्स का एप्वाइंटमेंट करना नहीं है। जिस समय केंद्र की सत्ता में बैठे लोग, पूरे देश में सामाजिक ताने-बाने को तोड़ रहे हैं, जिस तरह से अपनी नीतियों से व्यापार की कमर तोड़ रहे हैं, जिस तरह धर्म और जातियों के नाम पर लड़ाई करवाकर समाज को बांटा जा रहा है, उस सारी साजिश के बीच शिक्षा की भूमिका अहम हो जाती है। लेकिन आज मैं इस चिंता में शामिल होने आया हूं कि शिक्षा को भी उसी तरह जहरीला बनाने की तैयारी की जा रही है।

साजिश रची जा रही है कि किसी तरह शिक्षा को बदल दो। उसे बर्बाद कर दो। जो जहर राजनीति के जरिये घोलने की कोशिश की जाती रही है, वही जहर एजुकेशन के जरिये घोलने की कोशिश की जा रही है। एजुकेशन में जहर घोलने का मतलब है कि देश की भावी पीढ़ी के माइंडसेट में स्थायी रूप से ये जहर घोलना। मुझे इस बात की चिंता है कि अगर शिक्षा में ये लोग धर्म और संप्रदाय का जहर घोलने में कामयाब हो गए तो स्कूल और कॉलेजों का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। मुझे इस बात की चिंता है कि जिन्हें हम स्कूल-कॉलेज कहते हैं, कल उन्हें आरएसएस की शाखा न कहा जाने लगे।

शिक्षा मंत्री होने के नाते मेरी ये जिम्मेदारी है कि देश की यूनिवर्सिटीज, स्कूलों, कॉलेजों को धर्म व जाति की राजनीति का अखाड़ा होने से बचाया जाए। देश की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जेएनयू को बदनाम करके रख दिया गया है। आईआईटी और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स से विश्वस्तरीय रिसर्च की खबरें नहीं आ रहीं, बल्कि सरकार और संस्थानों के बीच राजनीतिक टकराव की खबरें आ रही हैं। जो वाइस चांसलर सरकार की नीतियों के आगे घुटने नहीं टेक रहे, जो इनकी मनचाही जहर भरी नीतियों को लागू करने से मना करते हैं, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। दिल्ली का शिक्षा मंत्री होने के नाते इनका विरोध करना मेरी जिम्मेदारी है।

मेरा विरोध किसी एक समूह, संप्रदाय या धर्म से नहीं है। मेरा मकसद है कि देश के स्कूलों और कॉलेजों को किसी भी जाति-धर्म की राजनीति का अखाड़ा बनने से बचाना। स्कूलों-कॉलेजों में हमें अच्छे इनसान और अच्छे प्रोफेशनल्स तैयार करने हैं, धर्म और जाति में उलझी भीड़ नहीं। भारत के ताने-बाने में मिशनरी स्कूल भी हैं, मदरसे भी हैं और सरस्वती शिशु मंदिर भी हैं। लेकिन भारत के स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम के पीछे की सोच वैज्ञानिक होनी चाहिए। फॉरवर्ड लुकिंग होनी चाहिए। हमें 50 साल पुराने नहीं, 50 साल आगे के भारत के लोग तैयार करने हैं।

इसलिए ये आवाज उठनी जरूरी है कि हम मिलकर किसी भी ऐसी कोशिश का विरोध करें जो स्कूलों-कॉलेजों को किसी एक धर्म या जाति की शिक्षा का केंद्र बना दे। और मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि ऐसी किसी भी लड़ाई में मैं आपके साथ हूं।

(केंद्र सरकार की प्रस्तावित शिक्षा नीति के विरोध में ‘ज्वाइंट एक्शन कमेटी अगेंस्ट द एंटी-पीपल एजुकेशन पॉलिसी’ द्वारा आज संसद मार्ग पर आयोजित प्रोटेस्ट में आज दिए गए विचार)

10 comments:

  1. Mr. Minister,
    To begin with, this is not the right forum but I'll continue nonetheless. Your government promised salary raise for guest teachers, then promised regularization of contract workers. Where do you stand on that? 15 november has passed, yet there is no sign of progress. Do respond please.
    Thanks.

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  2. Hi Vineet
    The files are pending with LG/ center. Please go to them as well Instead of complaining. Why do people fail to understand how centre is blocking the delhi assembly files??? Why are people still so ignorant???

    Keep doing what you do with full heart and soul and one day there will be justice.
    Please understand Delhi children are lucky to have MS as their edu min.

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  3. Close down all govt schools in delhi.Take a decision to renew syllabus of all classes.Just showing lame duck government will not do.Your present actions seem prejudised.You are ruling stop protesting and come in action mode.

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  4. Close down all govt schools in delhi.Take a decision to renew syllabus of all classes.Just showing lame duck government will not do.Your present actions seem prejudised.You are ruling stop protesting and come in action mode.

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    1. I think you still didn't understood that Delhi govt is doing its all efforts to do better, but again the constitution comes as blocking. Lg is the boss of delhi. So be patient. We shall overcome some day.

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  5. Hello Sir,
    First of all thanks for sharing such an insight in the article. It is a good read and I hope all will understand the depth of it.
    Do you have any plans of modifying the syllabus and teach to the students what is the demand now in Market rather than keeping old syllabus that doesn't help.
    Also please clarify on the guest teacher and contractor stand when this would happen.

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  6. आदरणीय शिक्षामंत्री महोदय,
    आपके भाषण सुनकर और पड़कर बड़ा हर्ष हो रहा है किंतु आप ये बताने का कष्ट करें आप शिक्षामंत्री जैसे पद पर होने के बावजूद एक guest teacher से निजी दुश्मनी कैसे निकाल सकते है ,
    आपने बिना बात अधिकारियों पर दबाव बनाकर मुझे नोकरी से निकलवा दिया ।
    में कौनसा आपके खिलाफ था मुझे तो शिक्षा मंत्री से शिकायत थी मनीष सिसोदिया से नहीं।

    आप नहीं जानते आज मुझे आपकी वजह से 6 महीने से अधिक समय बेरोजगार रहना पड़ा हैं।

    आपने मुझे facebook comment पर जवाब देकर motivate किया लेकिन प्रिंसिपल को आदेश देकर हटवा भी दिया।

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  7. Time has come when it is become neccessory to irredicate the inhuman things from the content of education which motivates student for characterlessness that is 'परधन, परनारी/परपुरुष, परपीड़ापूर्ण कार्य/व्यवहार'

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  8. That is the problem with being good and being in politics. Has anyone guts to ask questions to the ruling strong and corrupts in all previous governments!!

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  9. Respected Sir,

    Ek baat bataiye ki school main holiday homework main Hanuman Chlisa yaad karne ke liye diya jaaye. Kya ye sahi hai. Religion related things holiday homework main dena sahi hai kya jahan class main sabhi religion ke bachche hoon.
    Please bataiye...

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