I have observed that in many schools, good teachers put in a lot of effort into all children. They believe every child has some unique quality that sets him or her apart. Our good teachers expend all their efforts in trying to bring out those unique abilities.
But do we recognise that if we go beyond what is unique in all children, there is something inherently common to them all? Do we tell children about all the things that are actually common in them?
While it is true that every child has a special, unique quality, it is also true that some things are common to every child. The role of education is to bring out what is unique and to recognise what is common. I believe that the day all of our schools begin to identify all of the things common to each child, all conflicts will be over. Religious and caste differences will not matter. Peace in its real sense will be established.
But do we recognise that if we go beyond what is unique in all children, there is something inherently common to them all? Do we tell children about all the things that are actually common in them?
While it is true that every child has a special, unique quality, it is also true that some things are common to every child. The role of education is to bring out what is unique and to recognise what is common. I believe that the day all of our schools begin to identify all of the things common to each child, all conflicts will be over. Religious and caste differences will not matter. Peace in its real sense will be established.
What about the fraud being done by schools by paying far less than 6th cpc and getting false signatures of teachers on 6th cpc amount.....
ReplyDeleteअगर आपको न्याय नही मिलता तो पता होना चाहिए कौन जिम्मेदार है वो
ReplyDelete1.#दीपक_मिश्रा*= वर्तमान चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट व पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा के भतीजे ।
2.#रंगनाथ_मिश्रा*= पूर्व चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ।
3.#अरुण_मिश्रा*= वर्तमान जस्टिस सुप्रीम कोर्ट व वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट #दीपक_मिश्रा_के_मामा_के_लड़के ।
4.#वाई_चंद्रचूड़* = पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट व वर्तमान न्यायाधीश #अरुण_मिश्रा_के_बुआ_के_लड़के ।
5.डी. वाई. चंद्रचूड़* = वर्तमान जस्टिस सुप्रीम कोर्ट तथा पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाई चंद्रचूड़ के पुत्र तथा वर्तमान जज सुप्रीम कोर्ट #अरुण_मिश्रा_के_भतीजे ।
6.#मनन_मिश्रा*= वर्तमान बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ।
7. #नृपेंद्र_मिश्रा*= प्रिंसिपल सेक्रेटरी भारत सरकार ।
अब तो पूरे देश की न्याय व्यवस्था को हम सब अवश्य जान गए होंगे।
इसी को कोलिज्म कहते है।
कॉपी
न्यायालय जो अब मिश्रालय बन गया है
ReplyDeleteRespected sir
ReplyDeleteI am a teacher of arwachin bharti bhawan .i want to request you to give me a chance to meet u for grab a opportunity to teach those children who are not able to read or write well.pl this is my mail id charu1980sharma@gamil.com kindly consider my request.thank you sir.
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ReplyDeleteRespected sir
ReplyDeleteJohny Dixit from Vishwakarma university and abhinav bal lok NGO since 1968..and we have some projects for poor people in education sector..and we are working in all over india for free education for poor people, so we want to meet with you...
www.abhinavballokngo.org
www.vishwakarmauniversity.com
7011502713
माननिय उप मुख्यमंत्री जी दिल्ली,
ReplyDeleteआप दिल्ली के सरकारी स्कूलो की व्यवस्था व शिक्षा के स्तर को सुधारने की बात लगातार करते रहते है इसके लिए आपको धन्यवाद व साधुवाद ��
लेकिन मै आपका ध्यान दिल्ली के एक सरकारी स्कूल मे दिल्ली की बच्ची को दखिला न देने की ओर दिलाना चाहता हूँ जिसे केवल पते के आधार पर कक्षा छह मे दिल्ली के ही एक सरकारी विधायल मे दाखिला नही दिया जा रहा है जबकी बच्ची के अभिभावकों का मूल पता दिल्ली का ही है और रहते भी दिल्ली मे ही है ।
लेकिन अभी वह कुछ समय अपने मूल पते से हटकर दिल्ली मे ही दूसरी जगह किराये पर रह रहे हैं
और जहाँ वे किराये पर रह रहे है वहाँ का उनके पास कोई आवासिय प्रमाण नही है (सभी दस्तावेज दिल्ली के ही पुराने पते के है )
विधायल वाले बच्ची के गरीब माता-पिता को (बच्ची का पिता रिक्शाचालक है ) पिछले एक महिने से किसी न किसी बहाने दौडा रहे हैं और अब अंत मे बच्ची को दाखिला देने से मना कर दिया ।
मै जानाना चाहता हूँ कि केवल आवासीय पते के आधार पर बच्ची को दखिला न देना कहाँ तक और कितना न्यायसंगत है ?(जबकी बच्ची दिल्ली से ही है )
क्या यही दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था है जहाँ गरीब बच्चे को सरकारी विधालय मे भी दाखिला लेने के ऐडी-चोटी का जोर लगाना पडता है और उसके माता पिता को सब कामधंधे छोडकर कभी इस दफ्तर तो कभी उस दफ्तर तक चप्फले घिसनी पडती है ....?
Sar I am you party member please sir my contact number please WhatsApp and party member please OK +917206038532
ReplyDeleteSir I am jalmana Karnal Haryana se home to sar mujhe a aapki help chahie ok sar
ReplyDeleteSir can u figure out
ReplyDeleteDr Avdesh Banarsi G
Paniyara Vidhansabha 319 se
Seat nikal paynge
8528906155