आज दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। हम क्लासरूम्स में, किताबों में, पाठ्यक्रम में आज से 20-25 साल या उससे भी ज्यादा पुरानी बातें लेकर बैठे हैं। जबकि जो बच्चा हमारी क्लासरूम में आज पढ़ रहा है उसे कल की दुनिया में जीना है। याद करके देखिये कि 20-25 साल पहले की दुनिया कैसी थी। गूगल, यू ट्यूब, टिवटर, फेसबुक, इंटरनेट, कंप्यूटर, स्मार्टफोन कहां खड़े थे? आज बहुत कुछ ऐसा है जिसकी 25 साल पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। और यही बात अगले 25 साल के लिए भी सच है। 25 साल बाद की दुनिया कैसी होगी, हम इसकी कल्पना नहीं कर सकते लेकिन फिर भी हमारे सामने चुनौती है कि हम अपने बच्चों को उस दुनिया के लिए तैयार करें।
दुनिया में सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं बदल रही है। सफलता के मायने भी बदल रहे हैं।
शायद 10 साल पहले मैंने फोब् र्स मैगजीन में पढ़ा था कि आज से 25 साल बाद जो व्यक्ति इस दुनिया का सबसे सफल इनसान होगा, वो अभी पैदा नहीं हुआ है। और जिस काम को करके, जिस प्रोफेशन से, वो दुनिया का सबसे सफल आदमी बनेगा, वो प्रोफेशन अभी शुरू ही नहीं हुआ है। ये बात बिलकुल सटीक है। गूगल, फेसबुक, ट्वीटर, ओयो, फ्लिपकार्ट, पेटीएम, लिंकडेन, एमजॉन, वाट्सएप जैसी अनेक क्रांतिकारी खोज करके सफलता के मुकाम पर पहुंचने वालों की उम्र 25 के आसपास ही थी। 20 साल पहले कौन सोच सकता था कि ट्वीटर, फेसबुक, एमजॉन जैसी कोई चीज ईजाद होगी जिससे सूचना क्रांति और व्यापार की दिशा बदल जाएगी।
दुनिया में सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं बदल रही है। सफलता के मायने भी बदल रहे हैं।
शायद 10 साल पहले मैंने फोब् र्स मैगजीन में पढ़ा था कि आज से 25 साल बाद जो व्यक्ति इस दुनिया का सबसे सफल इनसान होगा, वो अभी पैदा नहीं हुआ है। और जिस काम को करके, जिस प्रोफेशन से, वो दुनिया का सबसे सफल आदमी बनेगा, वो प्रोफेशन अभी शुरू ही नहीं हुआ है। ये बात बिलकुल सटीक है। गूगल, फेसबुक, ट्वीटर, ओयो, फ्लिपकार्ट, पेटीएम, लिंकडेन, एमजॉन, वाट्सएप जैसी अनेक क्रांतिकारी खोज करके सफलता के मुकाम पर पहुंचने वालों की उम्र 25 के आसपास ही थी। 20 साल पहले कौन सोच सकता था कि ट्वीटर, फेसबुक, एमजॉन जैसी कोई चीज ईजाद होगी जिससे सूचना क्रांति और व्यापार की दिशा बदल जाएगी।
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